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शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

आज हम शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे के बारे में बताएँगे। शरबत शब्द पर गौर करें, तो यह शब्द अरबी भाषा का है, जिसका अर्थ होता है पीना। किस पेय पदार्थ को शरबत कहा जाए इस बात पर गौर करें, तो जवाब है ऐसे  पेय पदार्थ जो मिठास लिए हुए हो। जिन्हें बनाने में फलों और व फूलों का इस्तेमाल होता हो और इन्हें बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले मसाले औषधीय गुणों से भरपूर हो, उन्हें हम शरबत की श्रेणी में रख सकते हैं ।

शरबत की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका इस्तेमाल गर्मियां आते ही होने लगता है। बाजार में तरह-तरह के रंग बिरंगे शरबत दिखाई देने लगते हैं ।  जाने-माने डाइटिशियन कहते हैं ,शरबत का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उसमें मौजूद तरह तरह का स्वाद और खुशबू हमारे पानी पीने की मात्रा बढ़ा देते हैं । शरबत की वजह से शरीर को ज्यादा पानी मिल जाता है, जोकि गर्मियों में बहुत जरूरी है। शरबत एनर्जी देने वाले फलों और फूलों से तैयार होते हैं,इसलिए इन्हें पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। गर्मियों में खूब पसीना आने की वजह से शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है और सादा पानी आखिर कोई  कितना पिए?

लेकिन अगर उस पानी में कोई अच्छा खुशबूदार स्वादिष्ट फ्लेवर मिला हो, तो इंसान को पानी पी जाता है। यही वजह है कि शरबत में कोई कई तरह के फ्लेवर होते हैं, इसलिए सादे पानी की बजाय शरबत ज्यादा पिया जाता है ।इस प्रकार शरबत शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। शरबत बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक खुशी-खुशी शरबत पीते हैं ।

गर्मियों में शरबत पीने का चलन इसलिए बहुत अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि शरबत ठंडक प्रदान करते हैं। जितने भी प्रचलित शरबत हैं ,वह सभी ऐसी चीजों से बनाए जाते हैं, जो भीषण गर्मी में राहत प्रदान करते हैं और जिन की तासीर ठंडी होती है। आइए अब बात करते हैं गर्मियों में पिए जाने वाले सबसे ज्यादा प्रचलित शरबतों की ।

बेल का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

गर्मियां आते ही बाजार में बेल बड़ी मात्रा में दिखाई देने लगता है। जगह-जगह पर बेल के शरबत की  दुकाने आराम से मिल जाएगी। बेल का शरबत बहुत सस्ता होता है, साथ ही बेल पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें कई न्यूट्रीशस होते हैं जैसे- प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, विटामिन सी और फाइबर होता है। यह खून साफ करने में मदद करता है ।यह पेट को ठंडा रखता है और आसानी से पच जाता है ।

घर पर बनाएं  बेल का शरबत: बेल का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले बेल के अंदर से उसका गुदा निकाले। एक पतीली में इस गुदे को रखें और उसमें पानी डाल दे। कुछ देर तक अपने हाथों से पानी में भीगे पल्प को मिलाएं व मसले, ताकि पल्प पानी में घुल जाए और बीज अलग हो जाए। उसके बाद एक बड़ी छलनी से इसे छान लें। अब इसमें भुना हुआ जीरा पाउडर, स्वादानुसार काला नमक व पीसी चीनी डालकर अच्छे से मिलाएं ।

गुलाब का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

गुलाब के शरबत में पाया जाने वाला फाइबर कई तरह से फायदेमंद है। जैसे यह गर्मी में पेट को ठीक रखता है। जिन लोगों को कब्ज व पेट फूलने की शिकायत है वे इसे जरूर पीएं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, इसलिए तवचा  के लिए गुणकारी है। गुलाब के शरबत को पीने से गर्मी में शरीर को राहत मिलती है ।

घर में बनाएं गुलाब का शरबत:गुलाब की ताजी पत्तियां ले। उन्हें अच्छे से घो ले । एक बर्तन में पानी ले और  पतियों को डालकर अच्छी तरह उबाले। जब पानी गुलाबी रंग का हो जाए, तो गैस बंद कर दें।  पतियों को छान लें। अब इस गरम गुलाबी पानी में आवश्यकतानुसार चीनी मिलाएं और उबालें। इसे छान लें और ठंडा कर ले। पानी और बर्फ मिलाकर ठंडे- ठंडे शरबत का  लुत्फ ले।

खस का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

खस एक बहुत ही सुगंधित  घास है। यह है खसखस नाम से भी प्रचलित है। इसका इस्तेमाल कई तरह के खाने व मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। खस की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। लू से बचाता है। शरीर को ठंडक व एनर्जी प्रदान करता है। खून साफ करता है। ब्लड सरकुलेशन ठीक रखता है। इसमें आयरन होता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। खस गर्मियों में  मूत्र संबंधी समस्याओं में आराम देता है। यह शरबत जवरनाशक भी माना जाता है।

घर में बनाए खस का शरबत: सबसे पहले चीनी और पानी को मिलाकर एक तार की चाशनी तैयार करें। चाशनी ठंडी हो जाए, तो उसमें खस   का एसेंस मिला दे। अगर अच्छा हरा रंग चाहते हैं, तो थोड़ा-सा ग्रीन फूड कलर मिला दे। खस का शरबत तैयार है। एक गिलास में थोड़ा सा खस का शरबत डालें और पानी मिलाकर मिठास   चखें। बर्फ मिलाकर ठंडा सर्व करें।

सौंफ का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

सौंफ एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। थकान दूर करती है। ठंडक प्रदान करती है। सौंफ एक अच्छा माउथ फ्रेशनर भी है। इसलिए जब आप सौंफ का शरबत पीते हैं, तो वह ताजगी अपने मुंह के साथ-साथ पूरे शरीर में भी महसूस करते हैं। सौंफ हाजमें के लिए बहुत बढ़िया मानी जाती है। सौंफ  टाक्सिंस बाहर निकालती है। जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए सौंफ का शरबत बहुत फायदेमंद है।

आइए बनाए सौंफ का शरबत: सौंफ का शरबत आप कई तरीकों से बना सकते हैं। पहला तरीका यह है कि आप सौंफ को साफ करके रात भर भिगो दें। सुबह उसे अच्छी तरह उबालकर छान लें। अब इसमें चीनी मिलाकर फिर से पकाएं। ठंडा होने पर पानी व कुटी हुई बर्फ मिलाकर सर्व करें। अगर आप कम मात्रा में सौंफ का शरबत बनाना चाहते हैं, तो  सौंफ को पानी में अच्छे से उबालकर छान ले। ठंडा होने दें ।

बुरांस का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

बुरांस एक बहुत ही सुंदर फूल है जो सबसे ज्यादा उत्तराखंड में पाया जाता है। यह इस राज्य का राज्य वृक्ष भी है। बुरांस के पेड़ हिमाचल प्रदेश में भी है। नेपाल का तो यह राष्ट्रीय फूल है। बुरांस के फूल का इस्तेमाल दवाओ में सबसे ज्यादा किया जाता है। अब कुछ सालों से बुरांस का शरबत भी बनने लगा है। जैसे ही बुरांस केशरबत  रूप में आया पूरे भारत में लोगों को इसका स्वाद बहुत अच्छा लगा। यही वजह है कि कुछ सालों तक उत्तराखंड तक सीमित यह शरबत अब भारत भर में मिल रहा है। बुरांस का शरबत स्वाद में तो लाजवाब होता है, साथ ही सेहत लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह खांसी, बुखार, खून की कमी को दूर करता है। साथ ही पेट की समस्याओं में भी लाभ देता है। हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है ।

बुरांस का शरबत बनाने की विधि: बुरांस का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले बुरांस के फूल की पतियों को अच्छे से धो ले। अब एक पतीले में पानी गर्म करें और इस पानी में बुरांस पतियों को डाल दे।अच्छी तरह उबलने दे । करीब आधा पौना घंटे तक पतियों को पानी में खौलने दे। पतियों का रंग जब अच्छी तरह  निकल जाए और पानीअच्छा लाल हो जा,ए तो गैस से उतार ले और हल्का ठंडा होने पर छान ले। रस अलग निकाल ले। दूसरी ओर एक तार की चाशनी बना ले और बुरांस के रस को चाशनी में अच्छी तरह मिला दे ।

पुदीना शरबत

गर्मियों में पुदीना सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। तरोताजा रखता है। लू से बचने के लिए पुदीना रामबाण है। यह गैस की समस्या से भी निजात दिलाता है। पुदीना त्वचा के लिए गुणकारी है।  पुदीना अच्छा माउथफ्रेशनर है ।

आइए पुदीने का शरबत बनाएं: पुदीने का शरबत बनाने के lलिए लगभग दो सौ ग्राम चीनी ले और करीब तीन सौ मि.ली. पानी में इसे मिलाकर चाशनी बना ले। लगभग सौ ग्राम पुदीना ले।अच्छी तरह धो ले।पत्तियो को अलग कर ले।मिक्सी  में पुदीने की पत्तियां और नीबू का रस को डालें और पेस्ट बना ले।अब इस पेस्ट को चाशनी में मिला ले।काला नमक और जीरा पाउडर मिलाएं। सर्व करते समय गिलास में थोड़ा-सा शरबत और आवश्यकतानुसार पानी डालकर करें।

नींबू का शरबत

नींबू का शरबत वह पेय है, जो भारत में सबसे ज्यादा बनाया जाता है। यह बहुत सस्ता और गुणकारी शरबत है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। नींबू में कई तरह के मिनरल्स जैसे-आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक पाए जाते हैं। यह एसिडीटी,गठिया, पेट में जलन व गैस की समस्या से राहत देता है।

नींबू का शरबत बनाने की विधि: 8 -10 नींबू का रस निकाल ले ।अब घर में खाली पड़ी रूहअफजा या अन्य किसी शरबत की कांच की खाली बोतल ले। उस बोतल में आधे से ज्यादा चीनी भर दे और चीनी को पिघलने दे। चीनी अच्छी तरह पिघल जाए , तो बोतल  को फ्रिज में रख दे। आपका नींबू शरबत का कंसंट्रेट तैयार है। सर्व करते समय गिलास में कुछ बर्फ के टुकड़े डालें। थोडा – सा काला नमक और दो चम्मच नींबू का शरबत पानी में मिलाएं और ठंडा- ठंडा सर्व करें।

जलजीरा शरबत

जलजीरा शरबत पीना गर्मियों में शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। जलजीरा में विटामिन-सी पाया जाता है। यह तवचा को लाभ देता है। अगर गर्मी की वजह से मतली या चक्कर आने का अंदेशा हो, तो जलजीरा पी ले आराम मिलेगा। तेज गर्मी में निकलने से पहले यदि जलजीरा शरबत का सेवन करके बाहर निकला जाए, तो यह गर्मी की मार से बचाता है। यह गैस, एसिडिटी, कब्ज आदि समस्याओं से भी राहत देता है।

जलजीरा शरबत बनाने की विधि: जलजीरा शरबत बनाने के लिए पानी ले। उसमें चीनी व धनिया पुदीना की चटनी मिला दें। जब चीनी घुल जाए, तो इसे छान ले । अब इसमें भुना हुआ जीरा पाउडर, काला नमक नींबू का रस डाल दे। ज्यादा खट्टी चाहते हैं, तो थोड़ा-सा आमचूर पाउडर डाला जा सकता है।अब बर्फ मिलाएं और गिलास में सर्व करें। ऊपर से सजाने के लिए फीकी बूंदी डाल ले। स्वादिष्ट मजेदार चटपटा शरबत तैयार है।

डाइटिशियन कहते हैं कि शरबत जितना हो सके हमें खुद घर पर ही तैयार करना चाहिए क्योंकि जब आप खुद शरबत बनाएंगे, तो उसमें शुगर और अन्य चीजों की मात्रा को अपने स्वाद और सेहत के अनुसार तय करेंगे। आप उसमें प्रिजरवेटिव्स  नहीं डालेंगे। शुगर की मात्रा को कंट्रोल में रखेंगे। साथ ही घर पर बनाने से यह किफायती रहता है। आजकल बाजार में शुगर फ्री शरबत भी आ गए हैं। लोग शुगर फ्री सोचकर उनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं ,ज कि सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसलिए कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा घर के बने शरबत, शेक  व स्मुदी ही पिए । गर्मियों में लोग बेल का शरबत खूब पीते हैं। मधुमेह के रोगी इन्हें न पिए क्योंकि बाजार के बने शरबत में चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए घर पर बना बेल का शरबत पिए और उसमें चीनी न मिलाएं ।

गर्मियों में शरबत खूब पिए। यह एक ठंडा पेय पदार्थ है,जोकि फल और फूलों की पतियों से बना है। शरबत का फायदा यह है कि यह शरीर को पानी की कमी से बचाता है। शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। फ्रेश फील कराता है। साथ ही शरबत में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट भी है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। जैसे खस शरबत में काफी एंटीएक्सीडेंट है। जब भी आप शरबत बनाएं, ध्यान रहे यह सीजनल फलों से ही बने हो। गर्मियों में खूब शरबत पिए। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है। इसमें डाले जाने वाली चीजे व  मसाले बहुत फायदेमंद होते हैं। एक शेफ होने के नाते हम कहना चाहते है। कि गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को इन चीजों को अपने रोज की जिंदगी में शामिल करना चाहिए।

संतरे का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

संतरे में विटामिन सी एवम खनिज पाए जाते हैं जैसे-जिंक,आयरन।  संतरे के सेवन से इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है। संतरे का रस व  शरबत पेट के लिए गुणकारी होता है। गैस की समस्या हो तो संतरे के जूस में काली मिर्च मिलाकर उसका सेवन करें। संतरा तवचा और बालों के लिए लाभकारी फल है।  संतरे का जूस व शरबत पीने का चलन पूरे भारत में है। देश के कई राज्यों में इसकी अच्छी पैदावार होती है।

संतरे का शरबत बनाने की विधि:संतरे का शरबत दो तरह से बन सकता है। पल्प को मिक्सी में चला ले और जो पल्प नहीं चाहते वे संतरे का रस इस्तेमाल करें। अब एक पतीले में एक तार की चाशनी तैयार करें। जब चाशनी ठंडी हो जाए तो उसमें पल्प  अथवा संतरे का रस डाल दे। अच्छी तरह मिलाएं और पानी मिलाकर बनाए। संतरे का शरबत तैयार है। जो तीखा चटपटा फ्लेवर चाहते हैं, वे समय थोड़ा सा नींबू का रस, काला नमक व ब्लैक पेपर पाउडर भी मिला सकते हैं।

फालसे का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

आजकल हम फालसे का शरबत बहुत बना रहे हैं। यह स्वाद में भी लाजवाब होता है, साथ ही अच्छा समर कूलर भी माना जाता है। फालसा शरीर को गर्मी से लड़ने की शक्ति देता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। फालसा का स्वाद भी लाजवाब होता है। यह एक बहुत ही रिफ्रेशिंग ड्रिंक है। फालसे के शरबत को आप घर पर आसानी से बना सकते हैं।

फालसे का शरबत बनाने की विधि:फालसो को अच्छे से पानी में साफ कर ले। एक पतीले  में पानी और चीनी मिलाकर इसे पकाएं। लंबे समय तक के लिए बनाना चाहते हैं, तो थोड़ा-सा सिट्रिक एसिड मिला दे। अब ठंडा होने पर इसे छान लें। इसमें काला नमक व काली मिर्च का पाउडर भी मिला ले। खट्टा-मीठा लाजवाब शरबत तैयार है। जब सर्व करना हो,तब एक गिलास ले,उसमे शरबत ,पानी और बर्फ डालकर मिलाएं और सर्व  करें ।

लीची का शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

इसी प्रकार आप  लीची का शरबत भी घर पर बना सकते हैं। लीची  में अपनी मिठास बहुत ज्यादा होती है, इसलिए कम चीनी की जरूरत होती है।लीची  उत्तराखंड में बहुत होती है। यह पहाड़ी इलाकों में उगाई जाती है, लेकिन लीची के शरबत को पीने वाले पूरे देश में मौजूद है ।

लीची का शरबत बनाने की विधि: लीची को साफ करके छील ले और मिक्सी में डालकर उसकी प्यूरी बना ले । चीनी और पानी को उबाल ले ।ठंडा होने पर इसमें लीची का प्यूरी मिक्स कर ले और अच्छे से मिलाएं। सर्व करते समय आवश्यकता पानी और लीची के शरबत में मिलाकर ठंडा ठंडा शरबत सर्व करें।अगर आप इसमें खट्टा-मीठा टेस्ट चाहते हैं, तो थोड़ा सा काला नमक, ब्लैक पेपर पाउडर डालें ।

चंदन शरबत कैसे बनाएं और उसके फायदे

चंदन ठंडक प्रदान करता है। यह हमारे शरीर को बाहरी  और भीतरी दोनों तरह से ठंडक पहुंचाता है। चन्दन पाचन तंत्र को दुरुस्त्त  रखता है। गर्मियों में चंदन का शरबत बहुत लाभकारी होता है ।

चंदन शरबत बनाने की विधि:चंदन शरबत दो तरह से तैयार किया जा सकता है । एक तो बाजार से चंदन का एसेंस या उसका कंसंट्रेट लाकर उसे चीनी की चाशनी में मिला दे। आपका चंदन का शरबत तैयार । दूसरा परंपरागत तरीका यह है कि करीब दस ग्राम चंदन पाउडर को पानी में 7- 8 घंटे भिगो दे । रात भर भीगे बादाम का छिलका उतार लें उसमें मगज, थोड़ी सी सौंफ, गुलाब की सूखी पंखुड़ियां थोड़ा सा खसखस, इलायची पाउडर, और चीनी मिलाकर पाउडर बना ले। चीनी की एक तार की चाशनी  बनाएं। एक बर्तन में भीगे हुए चंदन पाउडर को उबाल ले ताकि उसका सारा अर्क निकल जाए। चंदन के अर्क को भी छान ले। अब एक गिलास ले और करीब दो चम्मच मिश्रित पाउडर डालें। लगभग तीन चम्मच चंदन का अर्क डाले। थोड़ा सा गुलाबजल, चुटकी भर इलायची पाउडर मिलाएं। अब गिलास को पानी और बर्फ से भर दे और चम्मच से मिक्स कर ठंडा सर्व करें।

आम पना

आम पना के विषय में शेफ  कहते हैं कि आम पना ऐसा शरबत है, जो स्वाद  में लाजवाब और कास्ट में बहुत कम पड़ता है , जो परंपरागत आम पना  है वह भूनकर बनता है उबालकर नहीं।

परंपरागत आम पना  बनाने की विधि: कच्चे काम को तंदूर में भूनने के लिए रख दें। कुछ देर में वे सब भून कर पक जाएंगी  और मुलायम हो जाएंगी। अब थोड़ी ठंडी हो जाए, तो आम का छिलका उतार ले। पल्प निकालकर उसमें जरूरत के मुताबिक चीनी मिलाकर हल्का सा पकाए, ताकि चीनी घुल जाए। अब इसे अच्छी तरह घोट ले , उसमें काली मिर्च पाउडर, भुना जीरा पाउडर और काला नमक यह तीनों चीजें डालें और मिलाएं। आपका आम पना तैयार है। बीच में एक ऐसा आया था, जब लोग कोल्ड ड्रिंक्स की तरह बहुत ज्यादा चले गए थे। लेकिन, पिछले कुछ समय से वापस अपने परंपरागत शरबतों में पुराने खानपान की तरफ लौट रहे हैं। शरबत एक ऐसी रेसिपी है, जिससे अगर आप घर पर बनाएं, तो इसकी लागत बहुत कम आती है।

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