आम की लगभग एक हजार किस्मे पूरी दुनिया में पाई जाती है और शायद उतने ही तरीकों से आम को खाया भी जा सकता है। आप चाहे तो इसे कच्चा खाए या पकने के बाद चूसें ,काटकर खाए या फिर गिलास में भरकर पी जाए। इसका पना बोतलों में भर कर फ्रिज में रख ले या अचार बनाकर बर्नियों में, आपकी मर्जी है। यह एक ऐसा फल है जो खुशबू, स्वाद और सेहत से भरपूर है तो क्यों न इस मौसम में आम का भरपूर लुत्फ उठाया जाए।
कच्चे आम के स्वास्थ्यवर्धक गुण
कच्चे आम को अंबा या कैरी भी करते हैं। इसमें पके आम की तुलना में ज्यादा विटामिन सी होता है। कच्चा आम पेक्टिन का अच्छा स्रोत होता है, लेकिन जैसे-जैसे उसकी गुठली कड़ी होती है, इसकी मात्रा कम होती जाती है। कच्चा आम विटामिन बी का भी अच्छा स्रोत होता है जो अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। विटामिन सी की मौजूदगी के कारण यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर से व्यर्थ पदार्थों को निकालने में भी सहायक है।
- ताजा कच्चा रक्त संबंधी विकार दूर करने में मदद करता है।
- यह रक्त कोशिकाओं का लचीलापन बढ़ाता है और नई रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है।
- यह कब्ज, अपच और दस्त को दूर करने में मदद करता है।
- विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के कारण यह मसूड़ों से खून निकलने की समस्या ठीक करने में काफी मददगार है।
पके आम के कई गुण
पके आम के गूदे में एंटी आक्सीडेंट, विटामिन ए,सी, बी6 , फोलेट और कई आवश्यक पोषक तत्व जैसे पोटेशियम, कॉपर,ओमेगा 3 और 6 पोली सैचुरेटेड फैटी एसिड और अमीनो एसिड होते हैं। इसके गूदे से 25 विभिन्न तरह के केरोटिनाइड्स खोजे गए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में बीटा-कैरोटीन होता है। इसी वजह से अधिकतर आम की प्रजातियों का रंग पीला-नारंगी होता है।
- पोटैशियम से भरपूर होने के कारण हृदय की अनियमित धड़कनों और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होता है।
- आयरन का अच्छा स्रोत होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं और एनीमियां से पीड़ित लोगों के लिए काफी अच्छा है।
- इसमें मौजूद विटामिन ए, विटामिन ई और सेलेनियम दिल की बीमारियों से बचाता है।
- इसमें बीटा- कैरोटीन होता है जो बुड्ढे होने की क्रिया को धीमा कर देता है, कैंसर की आशंका कम कर देता है, फेफड़ों की कार्य पद्धति सुधारता है और डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएं दूर करता है।
- यह रक्त में होमोसिस्टीन के स्तर हो नियंत्रित रखता है जो रक्त कोशिकाओं के लिए काफी हानिकारक है।
- आम में पाए जाने वाले विटामिन ई से हार्मोनल सिस्टम ज्यादा चुस्त-दुरुस्त रहता है ।
आम को कैसे खाएं
आम को सिर्फ फ्रू चाट, जूस, मैंगो मिल्क शेक,जैम, मैंगो आइसक्रीम, अचार, अमचूर और चटनी के रूप में ही नहीं खाया जाता है, बल्कि कच्चे आम औषधि के रूप में कई शारीरिक समस्याओं के उपचार में भी उपयोग किया जाता है ।
- कच्चे आम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटे और उसे शहद और नमक मिलाकर खाएं। यह मिश्रण गर्मी से होने वाले डायरिया,कब्ज ,सुबह की कमजोरी,अपच और दस्त लगने की समस्या से छुटकारा पाने में मददगार है।
- गर्म देशों में कच्चे आम के गूदे को चीनी,पानी और इलायची के साथ मिलाकर एक पेय पदार्थ बनाया जाता है। इससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है।
- काली मिर्च और शहद के साथ कच्चा आम खाने से पेट और लीवर संबंधी शिकायतें दूर होती है।
- लू लगने पर कच्चे आम को नमक के साथ मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
- बिल्कुल कच्चा आम जिसमें गुठली भी पूरी तरह नहीं बनी हो,को नमक और शहद मिलाकर खाने से बवासीर से पीड़ितों को बहुत लाभ होता है।
ज्यादा आम खाने के नुकसान
- अधिक मात्रा में कच्चा आम न खाएं। गला खराब हो सकता है।
- इसका अधिक सेवन दस्त और अपच की समस्या पैदा कर सकता है।
- कच्चे आम को उसका चौप निकाले बिना न खाएं। इस चौप से आंतो, गले की एलर्जी हो सकती है।
- एक औसत आकार के पक्के आम में करीब 107 किलोग्राम कैलोरी और 28 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। मोटे लोगों को इसे ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे वजन तेजी से बढ़ता है।