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भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक की जानकारी

भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक की जानकारी भारत संस्कृति, परंपराओं, विरासत इमारतों, मंदिरों, किलों और महलों में समृद्ध है। प्रसिद्ध भारतीय स्मारकों में गोवा के पुराने चर्च, दिल्ली का ताजमहल, कुतुब मीनार, चारमीनार, लाल किला और जंतर मंतर शामिल हैं, ये भी भारत में कुछ सबसे अधिक देखे जाने वाले विरासत स्थल हैं। ये ऐतिहासिक स्मारक अन्य विश्व धरोहर स्थलों और दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों जैसे प्रकृति पर्यटन स्थलों के साथ भारतीय पर्यटन का एकमात्र धन हैं।

 ताज महल, आगरा

ताज महल हाथी-दांत सफ़ेद संगमरमर से बना महल है जो भारत के आगरा राज्य की यमुना नदी के दक्षिणी तट पार स्थित है। इस महल का निर्माण मुग़ल शासक शाह जहां(जिन्होंने सं 1628 से 1658 तक शासन किया) ने सं 1632 में अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ के मकबरे के रूप में करवाया था। इस मकबरे का क्षेत्रफल 42-acre के परिसर में फैला हुआ है, जिसमे एक मस्जिद और एक अतिथि गृह है जिनके चारो और औपचारिक उद्यान है और उनके तीनो तरफ बिना छत की दीवारे है।             ताजमहल, उत्तर प्रदेश राज्य में पवित्र यमुना नदी के किनारे आगरा शहर में स्थित एक सुंदर सफेद संगमरमर का स्मारक है। ताजमहल मुगल, फ़ारसी, ओटोमन तुर्की और भारतीय स्थापत्य शैली के तत्वों का बेहतरीन उदाहरण है।यह दुनिया के आठ अजूबों में से एक है और उत्तर प्रदेश में भी जाना चाहिए। फतेहपुर सीकरी राज्य का एक और ऐतिहासिक स्थल है, जो मुगलों का पहला नियोजित शहर है।

 मैसूर पैलेस

मैसूर का पैलेस सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है, जो कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है और भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले स्मारकों में से एक है। मैसूर पैलेस चामुंडी हिल्स के साथ शहर में सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक है।दक्षिण भारतीय राज्‍य कर्नाटक में स्थित मैसूर एक महत्वपूर्ण शहर है। आजादी से कुछ समय पहले तक मैसूर कर्नाटक के पूर्व महाराजा वोडेयार की राजधानी हुआ करता था। इस महल की अपनी कुछ ख़ास विशेषताएं है जैसे- इसकी समृद्ध सांस्‍कृति, सुंदर उद्यान व इसके भव्‍य महलों में की गई नक्काशीयाँ आगुंतको को इसकी ओर आकर्षित करती है।साल 1638 में महल को आसमान से बिजली गिरने के कारण बहुत क्षति पंहुची थी जिसे वहाँ के शासको ने पुनपरिष्कृत करवाया था। 1793 में हैदर अली के बेटे टीपू सुल्तान द्वारा वाडियार राजा को हटा के मैसूर की सत्ता संभाल ली गई थी जिसके शासन के दौरान इस महल को मुस्लिम वास्तुकला शैली में ढाल दिया गया था। 1799 में जब टीपू सुल्तान की मृत्यु हो गई थी तो वाडियार राजवंश के पांच वर्ष के राजकुमार कृष्णराजा वाडियार तृतीय को राज सिंहासन पर बैठा दिया गया था जिसके बाद उन्होंने इस महल को पुन: हिंदू वास्तुकला शैली में बनवाया जो 1803 तक पूर्ण कर लिया गया

 हरमंदिर साहिब, अमृतसर

स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से जाना जाता है, जो अमृतसर, पंजाब में स्थित एक सिख गुरुद्वारा है। श्री दरबार साहिब सिखों का सबसे पवित्र मंदिर और सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।हरमंदिर साहिब भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, एक पवित्र ग्रंथ साहिब हमेशा मंदिर के अंदर मौजूद होता है।अमृतसर का स्वर्ण मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का मशहूर मंदिर है। ये सिख धर्म के मशहूर तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर नाम दिया गया। बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन इस मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। कहने को तो ये सिखों का गुरुद्वारा है, लेकिन मंदिर शब्द का जुडऩा इसी बात का प्रतीक है कि भारत में हर धर्म को एकसमान माना गया है। यही वजह है कि यहां सिखों के अलावा हर साल विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु भी आते हैं, जो स्वर्ण मंदिर और सिख धर्म के प्रति अटूट आस्था रखते हैं।

 बृहदीश्वर मंदिर, तंजावुर

बृहदिश्वर मंदिर जिसे पेरिया कोइल या बिग टेम्पल भी कहा जाता है, भारत के तमिलनाडु राज्य में तंजावुर में स्थित भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।
राजराजेश्वरम मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चोल द्वारा निर्मित सबसे अच्छा मंदिर तमिलनाडु के ऐरावतेश्वर मंदिर, बृहदिश्वर मंदिर और ऐरावतेश्वर मंदिर तमिलनाडु के दो विश्व धरोहर स्थल हैं।इस भव्य मंदिर के प्रवर्तक राजाराज -1 चोल थे। राजाराज चोल 1 दक्षिण भारत के चोल साम्राज्य के महान सम्राट थे, जिन्होंने यहाँ 985 से 1014 तक राज किया। उनके शासन में चोलों ने दक्षिण में श्रीलंका तथा उत्तर में कलिंग तक साम्राज्य फैलाया। इस मंदिर का निर्माण 1003-1010 ई. के बीच किया गया था। उनके नाम के कारण ही इसे राजराजेश्वर मंदिर नाम भी दिया गया है। यह मंदिर उनके शासनकाल की वास्तुकला की एक श्रेष्ठ उपलब्धि है।

 बहाई मंदिर, दिल्ली

दिल्ली के लोटस टेम्पल को बहाई मंदिर कहा जाता है, जो कालका जी के पास स्थित है। लोटस टेम्पल हर धर्म के लिए पूजा का घर है और ध्यान और शांति के लिए सबसे अच्छा स्थान है।बहाई आस्था सभी मानव जाति की आध्यात्मिक एकता है, दुनिया भर में पूजा के आठ महाद्वीपीय घर बनाए गए हैं। कमल मंदिर उनमें से एक है और दिल्ली में प्रमुख आकर्षण है।दिल्ली (आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। देश की राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों – कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय भी नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित है। दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है और आबादी के अनुसार मुंबई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा महानगर भी है। यह नगर यमुना नदी के किनारे स्थित है। देश की राजधानी और राजनीति का प्रमुख केंद्र होने के साथ-2 यह भारत में पर्यटकों के आकर्षण के लिए प्रमुख केन्द्र है, जिसे देखने दुनियाभर से लोग यहाँ आते है।

 हवा महल, जयपुर

राजस्थान के शाही राजपूतों के महान स्मारक, हवा महल भी पैलेस ऑफ विंड्स गुलाबी शहर और राजस्थान की राजधानी जयपुर के केंद्र में स्थित है। पिरामिड आकार का पाँच मंजिला महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित है जो महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा महिलाओं के शाही परिवारों के लिए बनाया गया है।
हवा महल जयपुर के प्रमुख पर्यटक आकर्षण में से एक है और साथ ही राजस्थान राज्य के ऐतिहासिक स्मारकों को देखना चाहिए।हवा महल, सर के ताज के आकर में बना हुआ है, जो भगवन श्रीकृष्ण के सर के ताज की तरह प्रतीत होता है। कहा जाता है कि सवाई प्रताप सिंह भगवान श्री कृष्ण के प्रति अत्यंत श्रद्धा भक्ति भाव रखते थे, जिसकी वजह से उनहोंने इस महल को उनके ताज का आकर दिया।

 विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित है और रानी विक्टोरिया को समर्पित है। विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के प्रमुख पर्यटक आकर्षण में से एक है और ब्रिटिश काल की पांडुलिपियों, चित्रों और मूर्तियों के महान संग्रह के साथ एक संग्रहालय के रूप में कार्य करता है।सफेद मार्बल से बनी इस खूबसूरत इमारत का निर्माण रानी विक्टोरिया की स्मृति में भारत पर उनके 25 वर्षों के शासन का जश्न मनाने के लिए किया गया था। भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने लोगों के लिए इस शानदार स्मारक को देखने और सराहने का काम किया और यही वजह है कि आज विक्टोरिया मेमोरियल भारत में पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है।

 सांची स्तूप, सांची

सांची में बौद्ध विहार को महान स्तूप के रूप में भी जाना जाता है, जो भारत में सबसे प्रसिद्ध बौद्ध स्मारक है, जो रायसेन जिले के सांची शहर में स्थित है। सांची स्तूप भारत में सर्वश्रेष्ठ संरक्षित प्राचीन स्तूपों में से एक है, जो चार नक्काशीदार द्वारों से घिरा है।
जिस अवस्था में आज स्तूप दिखाई दे रहे है वास्तव में ऐसे नहीं थे। 13 वीं शताब्दी से 17 वीं शताब्दी तक इनकी देखरेख न होने से और आक्रमणकर्त्ताओँ के आक्रमण से स्तूप खंड़हर में बदल गए। 1818 में जनरल टेलर ने इस जगह की खोज की तथा सर्वें किया। 1851 में अलेक्जेण्डर कनिंघम ने उत्खनन कार्य किया। सर जॉन मार्शल ने 1912-19 तक उत्खनन किया तथा सांची को आज के स्वरूप में लाने का श्रेय सर जॉन मार्शल को जाता है। उत्खनन से प्राप्त सामग्रियों को सांची के संग्रहालय में रखा गया है जिसका नाम जॉन मार्शल के नाम पर रखा गया है।

चारमीनार, हैदराबाद

चारमीनार हैदराबाद में सबसे लोकप्रिय स्मारक और मस्जिद है और भारत की सबसे अधिक मान्यता प्राप्त संरचनाओं में से एक है। चारमीनार यह लैंडमार्क हैदराबाद शहर का वैश्विक प्रतीक बन गया है।हैदराबाद की खास पहचान माने जाने वाले चारमीनार को मोहम्मद कुली कुतुब शाही ने 1591 में बनवाया था। आज इस ऐतिहासिक इमारत ने पूरे विश्व में चर्चा हासिल की है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि चार मीनार का शाब्दिक अर्थ होता है— चार टॉवर। यह भव्य इमारत प्रचीन काल की उत्कृष्ट वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना

इंडिया गेट, दिल्ली

राजपथ पर इंडिया गेट युद्ध स्मारक दिल्ली की एक विशिष्ट जगह है और भारत में एक जगह पर जाना चाहिए। स्मारक भारत का सबसे आश्चर्यजनक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसे सर एडविन लुटियंस द्वारा डिज़ाइन किया गया है।इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ था। शुरूआत में इस स्मारक का नाम ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ रखा गया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डी ट्रौम्फ से अवतरित है। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से किया गया है। इंडिया गेट की ऊँचाई 42 मीटर है। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन भारत के राष्ट्रपति और अन्य कई मुख्य राजनीतिक नेताओं और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को इंडिया गेट के नीचे स्थित अमर जवान ज्योति पर उन शहीदों के समर्पण को याद करते हुए देखा जा सकता है।

आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक के बारे में बता रहे है। हम आशा करते है कि भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक के बारे में यह जानकारी आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी। अगर भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक के बारे में यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो इस पोस्ट को शेयर करे।

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