संज्ञा (Noun) अर्थ परिभाषा प्रकार :- नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से हिंदी व्याकरण के सबसे बढ़िया अध्याय संज्ञा के बारे में बात करेंगे। इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे की संज्ञा अर्थ परिभाषा प्रकार , उदाहरण संज्ञा के कितने प्रकार हैं।
संज्ञा की परिभाषा
किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, स्थिति, गुण या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं।
जैसे- लखनऊ गोमती किनारे बसा है । क्रोध इंसान को पागल बना देता है ।
लखनऊ शहर का नाम है । इंसान जाति का सूचक है । गोमती नदी का नाम है । क्रोध भाव को दर्शाता है । ये सभी संज्ञा ही हैं ।
संज्ञा के भेद
संज्ञा के भेद निम्न प्रकार हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा / Vyaktivaachak Sangya
जिस संज्ञा शब्द से से किसी एक विशेष व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या स्थान का बोध होता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:-
- मनुष्यों के नाम- प्रियंका, मुकेश, कैलाश, प्रशांत, निशांत, अंजू, सुधा, वीणा इत्यादि
- प्राणियों के नाम- कामधेनू (गाय का नाम), एरावत (हाथी का नाम)
- वस्तुओं के नाम- मिर्च (मसाला का नाम), गांडीव (घनुष का नाम)
- स्थानों के नाम- पटना, भोपाल, लखनऊ, दिल्ली, हरिद्वार, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब इत्यादि
जातिवाचक संज्ञा / Jatiwachak Sangya
जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान की संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे :-
- मनुष्य,
- नदी,
- पहाड़,
- नगर,
- राज्य,
- देश इत्यादि ।
भाववाचक संज्ञा / Bhaavavaachak Sangya
जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे :- बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।