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फैशन की दुनिया में कैसे बनाये स्टाइलिश भविष्य

हर कोई दूसरे से बेहतर दिखाना चाहता है। सबसे आगे रहने की होड़ में युवाओं को फिटनेस और फैशन की ओर आकर्षित किया है । तरह-तरह के ब्रांड के कपड़े युवाओ की पसंद बन गये हैं। इन डिजाइनर कपड़ों से न सिर्फ शारीरिक सौंदर्य बढ़ता है, बल्कि अपने प्रोफेशन के अनुरूप खुद के व्यक्तित्व को प्रदर्शित करना आज की जरूरत बन गया है। फैशन की इसी उपयोगिता ने इसे उद्योग के रूप में परिवर्तित कर दिया और सैकड़ों बड़ी-बड़ी कंपनियां आज फैशन इंडस्ट्री में अपने-अपने ब्रांड का सिक्का जमा रही है। देश में कृषि के बाद कपड़ा उद्योग ही वह सेक्टर है, जहां सबसे अधिक संख्या में लोगों को | रोजगार मिला हुआ है। बीते कुछ सालों से लोगों की बढती क्रय क्षमता और ब्रांडेड कपड़ों के प्रति बढ़ते आकर्षण के कारण यह सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा | है।

आज जगह-जगह खुलते शोरूम, शॉपिंग मॉल या फिर ई-शॉपिंग कंपनियां इस बात की गवाह हैं कि लोगों की लाइफस्टाइल और शॉपिंग ट्रेड्स बदल गए। हैं। लोग फैशन और क्वॉलिटी को महत्व दे रहे हैं। वहीं, सरकार का भी इस सेक्टर के विकास पर काफी जोर है। जाहिर है इससे आने वाले दिनों में रोजगार के अवसर और बढ़ेंगे।

फैशन उद्योग की लोकप्रियता

एक अनुमान के मुताबिक, देश के टेक्सटाइल उद्योग में अगले 3 सालों में युवाओं को करीब 11 लाख नई नौकरियां मिल सकती हैं। ये नौकरियां निर्यात और मेड-अप सेक्टर में सबसे ज्यादा आ सकती है। क्योंकि अभी एक साल पहले भारत सरकार ने 6,006 करोड़ रुपये अपैरल इंडस्ट्री की सहयोगी इकाइयों के विकास के लिए दिया गया था। कॉटन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने भी अपनी रिपोर्ट में माना है कि मेड-अप्स (कताई-बुनाई, धागा, कसीदाकारी से जुड़े क्षेत्र) सेक्टर में इस पैकेज से करीब 11 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की उम्मीद है। इसके अलावा, हाल में इंडस्ट्री को कौशल विकास के लिए मिले 1300 करोड़ रुपये के पैकेज के बाद सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह सेक्टर में युवाओं के लिए सबसे अधिक रोजगार के मौके पैदा करना चाहती है।

रोजगार के अवसर

टेक्सटाइल डिजाइनिंग में रूचि रखने वाले युवाओं के समक्ष समुचित कोर्स करने/ स्क्लि हासिल करने के बाद आने वाले दिनों में बेहतर नौकरियों के अवसर हैं। इस सेक्टर में आप टैक्नोलॉजिस्ट, स्टाइलिस्ट, डिजाइनर, क्लारिस्ट बनने से लेकर सेल्स और मार्केटिंग जैसे किसी भी क्षेत्र में अपने लिए जॉब तलाश सकते हैं। सरकार के अधीन विभिन्न संस्थाओं, जैसे कि सिल्क, हैंडलूम, खादी, जूट और क्राफ्ट डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशंस में भी कई तरह की नौकरियों के मौके हैं। टेक्सटाइल कंपनियों के अलावा होजरी व होम फर्निशिंग के अलावा होजरी व होम फर्निशिग एक्सपोर्ट फर्क्स में भी बड़ी संख्या में नौकरियां सामने आएंगी। आप किसी भी डिजायन के साथ काम करने के अलावा किसी एक्सपोर्ट हाउस या रिटेल हाउस में मार्केटिंग और मर्चेडाइजिंग की जॉब पा सकते है। लड़कियां खुद की बूटीक खोल सकती हैं।

योग्यता

टेक्सटाइल डिजाइनिंग में डिग्री से लेकर डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के रूप में कई कोर्स संचालित हो रहे हैं। अगर तीन वर्षीय डिग्री कोर्स करना चाहते हैं। अगर तीन वर्षीय डिग्री कोर्स करना चाहते हैं, तो इसके लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं है, जबकि डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा कोर्स ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। ये कोर्स विभिन्न संस्थानों में अलग-अलग नाम से हैं, जैसे बीई/ बीटेक इन टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, बीए/ बीएससी इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग, बैचलर ऑफ डिजाइन, डिप्लोमा इन टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरर आदि।

मासिक आय

स्किल्ड प्रोफेशनल्स को शुरूआत में 20 से 25 हजार रूपये की सैलरी प्रति माह मिल जाती है। दो से तीन साल बाद ये लोग 50 से 60 हजार रुपये तक सैलरी पाते हैं। इसके अलावा रेडीमेड गारमेन्ट, जीन्स, टीशर्ट और अन्य परिधानों तथा होजरी के क्षेत्र में अपना स्वतन्त्र व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमी सालाना लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।

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