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उपयोगी पत्तियां जो करती है बहुत फायदे

हम इस पोस्ट में आपको कुछ पत्तियों के बारे में  बताएंगे जो हमारे जीवन में बहुत काम आती हैं | वैसे तो पत्तियां बहुत सारी होती हैं लेकिन हम कुछ ऐसी पत्तियों के बारे में बताएंगे जो हमारे आसपास हमें बहुत आसानी से मिल जाती है|

अमरूद की पत्तियां

अमरूद बहुत से लोगों का पसंदीदा फल होता है लेकिन कुछ लोग इसकी पत्तियों के गुणों से अनजान है बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ इसके अंदर बहुत सारे  भरपूर मात्रा में गुण पाए जाते हैं इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करते हैं

  1. अमरूद की नरम पत्तियों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह के छाले एवं मसूढ़ों का दर्द दूर होता है ।मुंह की दुर्गंध भी दूर होती है ।
  2. अमरूद की पत्तियों को थोड़े -से पानी में उबालकर इसकी लुगदी बनाकर फोड़े पर लगाने से थोड़ा शीघ्र फुटकर बह जाता 
  3. . डीएनए को सुधारे अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन बी-9 शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को सुधारने का काम करता है
  4. अमरूद में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मददगार होते हैं. साथ ही ये इम्‍यून सिस्‍टम को भी मजबूत बनाता है. अमरूद खाने की सलाह डॉक्‍टर भी देते हैं.
  5. अमरूद की पत्तियां चाय में उबालकर पीने से . सर्दी-जुकाम में भी आराम मिलता है

अनार की पत्तियां

अनार एक बहुत ही स्वादिस्ट फल है | यह हमारे अंदर खून की कमी को पूरा करता है साथ ही हमारी भूख को भी बढ़ता है |अनार के फल के साथ -साथ इसकी पत्तियां भी बहुत उपयोगी है जिनके बारे में बहुत लोग अनजान है हम आपको अनार की पत्तियों के फायदे के बारे में बताएंगे :-

  1. अनार की पत्तियों को जलाकर इसकी भस्म में थोड़ा-सा नारियल का तेल मिला दें।फिर इसे फोड़े-फुंसी पर लगाएं तुरंत आराम मिलेगा।
  2. अनार के पत्तों को पानी में उबालकर छांनकर उस जल से घांव, फोडे-फुंसीयों को धोने से बहुत लाभ होते हैं|
  3. अनार के पत्तों को पानी के साथ रगड़कर जहरीले जानवर के काटने  के स्थान  जैसे 
    मधुमख्खी, मच्छर, बिच्छु आदि के काटने वाली जगह पर लगाने से जहर और जलन का प्रभाव नष्ट होता है|
  4. अनार के पत्तों को पानी के साथ रगड़कर हल्का सा गर्म करके अर्श रोग, बवासीर के अंकुरों, मस्सों पर आदि परलेप लगानेसे बहुत फायदा होता है|
  5. अनार के पत्तों का चूर्ण बनाकर सिर में गंजेपन वाली जगह पर लगाने से सिर का गंजापन खत्म होता है|
  6. अगर अनार के पत्तो का काढ़ा बनाकर माथे पर लगाने व काढ़ा पीने से नकसीर में आराम मिलता है |
  7. अनार की हरी पत्तियों का रस सरसों के तेल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से किल , मुहासों व दाग -धब्बो से छुटकारा मिलता है

मूली की पत्तियां

सलाद और सब्जी के रूप में मूली का उपयोग सभी जगह खूब होता है।  जमीन के ऊपर मूली के हरे-हरे पत्ते दिखाई देते हैं।  मूली जमीन के भीतर जड़ के रूप में पाई जाती है। मूली में विटामिन ए, बी और सी भी होता है। मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।  मूली हमारे देश में  लगभग  सभी जगहों पर बोई  जाती  है। यह सर्दी के मौसम में अधिक होती है |वैसे आजकल हर  मौसम में मूली मिल जाती है।मूली  के साथ साथ इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी है जिनको हम यों ही समझकर फेंक देते है | हम आपको मूली के पत्तों के कुछ फ़ायदे बताएंगे-

  1. पीलिया के रोगी को कच्ची मूली के पत्ते अधिक से अधिक मात्रा में खाने चाहिए ।इससे रोगी को आराम मिलता है।
  2. मूली के हरे  पत्तो का रस पीने से पेशाब की रूकावट जो की ज्यादातर पथरी से होती है उसमे लाभ मिलता है खून की खराबी भी इसके सेवन से ठीक होती है।
  3. मूली के पत्तों को  मुँह में चबाने  से दांतों के रोग ठीक होते है |
  4. मूली के पत्तो के रस का सेवन करने से पित्त विकार ठीक होते हैं|
  5. मूली के कोमल पत्तो को चबाकर रस चूसने से हिचकी तुरंतआराम मिलता  है।
  6. यदि चेहरे पर अधिक कील मुंहासे निकलते हो तो मूली के ताज़ा पत्तों  को चबाकर  खाने से  तुरंत आराम मिलता है |
  7. high blood pressure से  पीड़ित स्त्री-पुरुष को मूली के कोमल पत्ते चबाकर खाने से भी बहुत लाभ होता है।
  8. मूली के पत्तों के 50 ग्राम रस में  एक चौथाई चम्मच खाने का सोडा मिलाकर पीने से पेशाब की रुकावट खत्म होकर मूत्र खुलकर आता है।

चमेली की पत्तियां

पूरे भारत में चमेली की बेल आमतौर पर घरों और बगीचों में लगाई जाती है। चमेली के फूल सफेद और पीले रंग के होते हैं।चमेली की खुशबू मन को जितनी आकर्षित करती है उससे कहीं ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद भी है। इसका स्‍वाद तीखा और प्रकृति ठंडी होती है। चमेली के फूल के अलावा इसकी पत्तियों में भी कई प्रकार के औषधीय गुण विद्यमान हैं। यह दांत, मुख, त्‍वचा और आंख के रोगों में फायदा करती है। आइए जानें चमेली हमारे लिए कितनी फायदेमंद है।चमेली की पत्ती इसमें मौजूद ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिवायरल गुणों के कारण ये सर्दी और जुखाम से राहत दिलाती है।

  1. मुंह के छाले यदि ठीक न हों तो थोड़े-से चमेली के पत्ते चबा लीजिए। छालों से शीघ्र छुटकारा मिल जाएगा।
  2. चमेली के पत्तों को पीसकर  पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं|
  3. चमेली की पत्तियों का काढ़ा बनाकर मुंह में बार-बार गरारे करने से मसूड़ों का दर्द खत्म हो जाता है
  4. अगर पैरों की एड़ियां फटी हो तो उन पर चमेली के पत्तों का रस निकालकर लगाने से बिवाई ठीक हो जाती है|
  5. मासिक धर्म की समस्या होने पर 10 ग्राम चमेली की पत्तियों का रस निकालकर पीने से मासिक धर्म की समस्या ठीक हो जाती है|
  6. सफेद चमेली के पत्तों के रस में  काली मिर्च का पाउडर मिलाकर चाटने से उल्टी तुरंत आराम  मिलता है|

घृतकुमारी की पत्तियां

घृतकुमारी का पौधा घर पर भी लगा सकते हैं| इसके लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती | यह गमले में भी लगाया जा सकता है|घृतकुमारी के पौधे में बहुत से औषधिय गुण पाए जाते हैं| यह आमतौर पर हमारे देश में हर जगह पर मिलता है | यह हमारे घर परिवार के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है|घृतकुमारी जिसे ग्वारपाठा एवं एलोवेरा के नाम से भी जाना जाता है |हम सभी ने सीधे या अप्रत्यक्ष रुप से इसका उपयोग किसी न किसी रुप में किया है। घृतकुमारी में अनेकों बीमारियों को उपचारित करने वाले गुण मौजूद होते हैं। इसीलिए ही आयुर्वेदिक उद्योग में घृतकुमारी की मांग बढ़ती जा रही है।  दिखने में हरा और किनारे की ओर कांटेदार आकृति लिए हुए यह एलोवेरा संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है।बहुत से फायदों की वजह से इसे चमत्कारी पौधा भी कहते है।

  1.  इसकी पत्तियों को छीलकर अंदर से लहलसे पदार्थ को सिर में लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है। जले हुए स्थान पर इसकी पत्तियों का लेप लगाने से ठंडक पहुंचते हैं और फफोले भी नहीं पड़ते।
  2. एलोवेरा की पत्तियों का जूस निकालकर उसमें नींबू और शहद मिलाकर पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है |
  3. घृतकुमारी की पत्तियों का जूस निकाल कर पीने से पेट के  कई रोग ठीक होते हैं जैसे  गैस बनना और खाने के न पचने की समस्यां आदि |
  4. एलोवेरा की पत्तियों का रस निकालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है |क्योंकि इसमें रोग प्रतिरोधक तत्व मौजूद होते हैं |जिससे शरीर में ताजगी और स्फूर्ति बनी रहती है|
  5. एक ऐसा रोग जिसमें रोगी के हाथ, पैर जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। साथ जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया रोग भी कहते हैं। जिसका सही इलाज एलोवेरा में पाया गया है। इसकी  पत्ती के दो भाग करके इसमें हल्दी भरकर हल्का गर्म कर लें और  दर्द वाले  भाग पर लगातार पट्टी लगायें ऐसा आप लगातार 10 से 15 दिनों तक करें। गठिया, जोड़ो में दर्द, मोच या सूजन में काफी राहत मिलेगी।
  6. एलोवेरा की पत्तियों का जूस हर रोज 20 मिलीग्राम से 30 मिलीग्राम की मात्रा में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर उर्जावान बना रहता है |
  7. हमारे शरीर में मोटापा होने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है। इसी कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे घृतकुमारी की पत्तियो का जूस  सबसे महत्वपूर्ण रूप से काम करता है।
  8. एलोवेरा के रस का सेवन रोज करने से त्वचा भीतर से खूबसूरत बनती है और बढ़ती उम्र से त्वचा पर होने वाले कुप्रभाव भी कम होते हैं।

नीम की पत्तिया

नीम एक औषधीय पौधा है जो आमतौर पर हर जगह पर पाया जाता है | इसकी पत्तियां बहुत ही लाभदायक होती है |बहुत से लोगों को इसकी पत्तियों के फायदों के बारे में पता नहीं होता है |नीम के पत्ते, जड़ ,लकड़ी सभी दवाइयों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं|नीम के पत्ते भारत से बाहर 34 देशों को निर्यात किए जाते हैं। इसके पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा वगैरह को दूर करने में मदद करते हैं।

  1. आंखों में दर्द ,खुजली या जलन होने पर नीम की पत्तियों को उबालकर उसे आंखों को धोना चाहिए या फिर पतियों की लुगदी बनाकर आंखों पर बांधने से ज्यादा लाभ होता है सूजन कम होती है।
  2. नीम की  हरी  पत्तियां पीसकर छोटी-छोटी गोलिया बनाकर  शहद में मिलाकर खाली पेट लेने से हर प्रकार की एलर्जी – त्वचा की, किसी भोजन से होने वाली, या किसी और तरह की – में फायदा करता है।
  3. नीम की हरी पत्तियां पानी में उबालकर नहाने से शरीर हल्का फुल्का रहता है व त्वचा रोग खत्म  होते हैं।
  4. नीम की पत्तियां कुटकर चेहरे पर लेप  लगाने से कील मुंहासो में  मिलता है|
  5. नीम की हरी पत्तियां चबाने से मलेरिया में आराम मिलता है|

नीम में बैक्टीरिया एजेंट हैं जो शरीर से कैंसर जैसे खतरनाक और जानलेवा बीमारी से बचने में सहायता करता हैं| नीम के पत्ते कैंसर पैदा करने वाले  जीवाणु नष्ट कर देते है। सुबह निम के पत्ते पानी में एक घंटे भिगो कर फिर उसका पानी पी सकते हो या फिर दो पहर को निम को तल कर चावल के साथ भी खा सकते हो।

आम की पत्तियां

आम बहुत से लोगों का पसंदीदा फल है आम के पेड़ के पत्ते पूजा पाठ में भी जाते हैं|इसमें कोई शक नहीं कि आम फलों का राजा है और स्वास्थ्य का खजाना हैआम के फल के साथ-साथ इसकी पत्तियां भी औषधीय गुण से भरपूर  होती है  |आम की पत्तियां लाल और बैंगनी रंग की होती है |जब ये कोमल और नये होते  है तो गहरे  हरे ओर हल्के नीले रंग के होते  है|गर्मियां आम के बिना हमेशा अधूरी ही रहती हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम की पत्तियां भी मानव के लिए बहुत ज्यादा गुणकारी होती हैं, आम की पत्तियों में मानव के बहुत सारे रोगों को समाप्त करने के गुण होते हैं इसलिए यह पत्तियां बहुत ज्यादा लाभदायक होती हैं। सबसे खास बात यह है कि आम की पत्तियां हर एक मौसम में आपको उपलब्ध हो जाती हैं इसलिए आपको इनके लिए किसी खास समय का इंतजार नहीं करना पड़ता है।

  1. आम की पत्तियों में एंथोकाइनाडिंस नामक टैनिन होता है जो मधुमेह के इलाज में मदद करता है।
  2. आम के पत्तों से रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है और वैरिकाज नसों की समस्या का इलाज करने में सहायता मिलती है ।
  3. आम के पत्ते गुर्दे की पथरी और पित्त की पथरी का इलाज करने में मदद करते हैं आम के पत्तों को सुखाकर इनका पाउडर बनाकर रात में एक गिलास पानी में पाउडर मिलाकर पीने से स्टोंस को तोड़ने और उन्हें बाहर निकालने में मदद मिलती है।
  4. आम की पत्तियां दमा रोगी के लिए बहुत ही फायदेमंद सिद्ध होती है|अस्थमा रोग से छुटकारा पाने के लिए आम की हरी पत्तियों का काढ़ा बनाकर प्रयोग किया जा सकता है|
  5. हाई बल्ड प्रेशर को कम  करने के लिए आम की पत्तियां बहुत ही फायदेमंद  सिद्ध होती है|  इसमें हाइपोटेंसिव प्रॉपर्टी पाई जाती है जिसके कारण यह आपके ब्लड प्रेशर को लो करता है।
  6. आम की पत्तियां खूनी दस्त  का इलाज भी अच्छे से करती हैं, इस रोग में यह बहुत लाभदायक हैं। इसके लिए आप आम के पत्तो को छांव में सुखाकर पाउडर बनाकर इसको दिन में 2 से 4 बार ताजे पानी के साथ में प्रयोग करें।
  7. यदि आपके गले में कोई प्रॉब्लम है या आपको हिचकी आ रही है तो आम की हरी पत्तियों को जलाकर उसका धुआँ सास के द्वारा अंदर लेने से गले  की समस्या और हिचकी में आराम मिलता है|

जामुन की पत्तियां

जामुन खाना किसे पसंद नहीं है आमतौर पर यह फल हमारे देश में हर जगह पर पाया जाता है यह गहरे बैंगनी रंग का होता है यह खाने में स्वादिष्ट और मीठा होता है जितना खाने में मीठा होता है उतना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है |इसके फल के साथ-साथ इसकी पत्तियां भी औषधीय  गुणों से भरपूर होती है| जामुन की तासीर ठंडी होती है और इसकी कई देसी विदेशी किस्मे होती हैं | लेकिन सबके धर्म, गुण समान हैं। जामुन का अंग्रेजी नाम – Blackberry है | जामुन से भूख बढती है और भोजन पचाती है, शरीर से गंदगी बाहर निकलती है।  इसका खट्टापन और अम्लीय गुण रक्त-दोषों को दूर करते है।ब्लैकबेरी में आयरन होता है जो रक्त के लिए काफी जरुरी तत्व होता है ।

  1. जामुन के पत्ते में रिलीज ‘ माइरिलिन’ नामक यौगिक होता है जो खून में शुगर का स्तर बढ़ाने में मदद करता है विशेषज्ञ ब्लड शुगर बढ़ने पर सुबह जामुन के चार पांच पत्तियों को पीसकर पीने की सलाह देते हैं।
  2. जामुन की पत्तियां पीस कर जले हुए सफेद दागों पर  हर रोज लगाने से दाग खत्म हो जाते हैं|
  3. जामुन की पत्तियां  पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुँह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं | इसको खाने से भी छाले ठीक हो जाते हैं। पानी में सिरका डालकर भी कुल्ले कर सकते हैं।
  4. बार बार दस्त लगने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए  जामुन की पत्तियों का रस निकालकर  उसमें थोड़ा -सा शहद मिलाकर दिन में तीन बार प्रयोग करने से दस्तो में आराम मिलता है|
  5. आपके दांत और मसूड़ों में दर्द है तो या खून निकलता है तो जामुन की पत्तियों का रस निकालकर या पानी में उबालकर कुल्ला करने से मसूड़ों व दांतों  का दर्द खत्म हो जाता है|
  6. काले जामुन  व इसके हरे कोमल पत्ते मधुमेह के रोगियों के लिए रामबाण है।
  7. जामुन के पत्तों का प्रयोग पाचन क्रिया को ठीक करने में भी किया जाता है|

करी पत्ता

आयुर्वेद की दृष्टि से करी पत्ता के बहुत से फायदे हैं और इससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.करी पत्ता को कढ़ी पत्ता या मीठी नीम भी कहा जाता है.| इसे मीठी नीम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनके पत्ते नीम की तुलना में थोड़े कम कड़वे होते हैं. करी पत्ता के पेड़ पूरे भारत वर्ष में पाए जाते हैं. करी पत्ता का सर्वाधिक उपयोग विभिन्न भोज्य पदार्थों में अपनी ख़ास महक पैदा करने के लिए किया जाता है.

  1. करी पत्ते में आयरन, जिंक और कॉपर जैसे मिनरल न सिर्फ अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं बल्कि उन्हें नष्ट होने से बचाते हैं। डायबिटीज के रोगी को रोज सुबह खाली पेट 8 से 10 करी पत्ते चबाने से फायदा मिलता है।
  2.  करी पत्ता में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन C जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. करी पत्ते में एंटी-डायबिटिक, एंटी-ओक्सिडेंट, एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते है. अतः जब आप करी पत्ता डले हुए फ़ूड आइटम को खाएं तो पत्तियाँ अलग करके फेंकने की बजाय खाया करें|
  3.  त्वचा जैसी प्रोब्लम जैसे  कील, मुहासों ,रूखापन आदि को दूर करने के लिए करी पत्ता का फेस पैक बनाकर गुलाब जल मिलाकर लगाने से काफी आराम मिलता है|
  4. करी पत्ता वजन घटाने के लिए कारगर सिद्ध है इसमें पाए जाने वाले फाइबर जैसे  तत्व फैट और टोक्सिन को शरीर से बाहर निकालते हैं.
  5.  एनीमिया रोग को दूर करने के लिए  करी पत्ता  में सबसे  महत्वपूर्ण तत्व आयरन व फोलिक एसिड पाए जाते हैं. अतःखून की कमी  के  रोगी को करी पत्ता का भरपूर सेवन करना चाहिए. इसके दो तीन पत्ते सुबह  खाइए, फायदा होगा.|

पीपल की पत्तिया

पीपल एक दिव्य वृक्ष है इसे पुजा के लिए प्रयोग किया जाता है इसके पत्ते हरे रंग के होते हैं व दिल के आकार के होते हैं ।पीपल के वृक्ष को कौन नहीं जानता होगा । यह हमारे देश के कोने-कोने में पाया जाता है। इसके पत्ते ही नहीं यह  पूरा वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर है ।इसकी लकड़ियां हवन सामग्री के लिए प्रयोग की जाती है। इसकी छाल,  जडों ,पत्तों आदि से बहुत सी दवाइयां बनाई जाती है।आज भी पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है लेकिन शायद आप ये नहीं जानते होगें की पीपल के पत्ते के कई बीमारियों को दूर करने के लिए यूज़ किया जाता है  यह एक ऐसा पेड़ है जो की हमें  दिन – रात ऑक्सिजन देता है आइये जानते है पीपल के पत्ते के फायदे औषधीय गुण और उपयोग के बारें में।

  1. पीपल के वृक्ष को पीपल की पत्तियों के सेवन से ह्रदय रोग दूर हो जाते हैं और इन पत्तियों का आकार भी दिल के समान होता है।
  2. जिन व्यक्तियों के दिल में रक्त शिराओं में ब्लॉकेज होती है उनके लिए यह पत्तियां बहुत उपयोगी है पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से ब्लॉकेज नसें खुल जाती हैं।
  3. जिन व्यक्तियों को पहले हार्ट अटैक आ चुका है अगर वह इनका काढ़ा बनाकर पी ले तो उसे दोबारा हर्ट अटैक नहीं आएगा।
  4. पीपल के पत्तों को पीसकर उसमें गुड  मिलाकर दिन में  दो- तीन बार सेवन करने से पेट का दर्द खत्म हो जाता है
  5. पीपल की पत्तियों से फटी हुई ऐडियों का ईलाज होता  है। पीपल पत्तियों का लेप  ऐडियों के घाव और दर्द को कम करने में आपकी मदद करेगी
  6. पीपल की पत्तियां और शक्कर का मिश्रण बनाकर दिन में दो बार लेने से खूनी दस्त की बीमारी  में काफी फायदा होता है

ब्लूबेरी की पत्तियां

ब्लूबेरी में एंटी-ऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है, जो कई रोगों से बचाव और उनकी रोकथाम में सहायक है. हालांकि सच्चाई ये भी है कि ब्लूबेरी के इन फायदों के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है।  ‘ब्लूबेरी’ जिसे ‘नीलबदरी’ भी कहते हैं, उसका वैज्ञानिक नाम ‘वैक्सीनियम कोरीबोसोम’  है। यह बारहमासी फूलों वाले पौधे होते हैं। अध्ययनकर्ताओं की मानें तो रोजाना ब्लूबेरी खाने से सेहत तो अच्छी रहती है । ब्लूबेरी के पौधे आमतौर पर झुग्गियों के आकार के होते हैं । यह मुख्यतः उत्तर अमेरिका, यूरोप और एशिया में पाए जाते हैं। ब्लूबेरी की पत्तियां पर्णपाती या सदाबहार हो सकती हैं, ये भाले के आकार एवं अंडाकार हो सकती हैं। ब्लूबेरी के फूल घंटी के आकार के, सफेद, पीले गुलाबी या लाल होते हैं।

  1. ब्लूबेरी की पत्तियों से सूजन में छुटकारा मिलता है।
  2. ब्लूबेरी की पत्तियों से एनीमिया का इलाज होता है।
  3. अगर किसी को लंबे समय से खांसी है तो ब्लूबेरी की पत्तियों से ठीक हो जाती है।
  4. इससे पेट में आंतों की समस्या से छुटकारा मिलता है।
  5. अगर रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा है तो इन पत्तियों से उस पर नियंत्रण पाया जाता है।
  6.  खरोंच वह घाव का इलाज भी इन पत्तियों से किया जाता है।
  7. ब्लूबेरी की पत्तियां सूजन को हटाने में काफी कारगर सिद्ध है |

तुलसी की पत्तियां

तुलसी एक पवित्र पौधा  है.| तुलसी का पौधा एक ऐसा पौधा है, जो भारत देश में लगभग हर घर में होता है, बड़े से बड़ा व छोटे से छोटा आदमी इसे अपने घर में लगाता है | तुलसी की पूजा अर्चना हर हिन्दू स्त्री सुबह करती है | इसकी पत्तियों से लेकर फल तना सब, कुछ ना कुछ फायदा देते हैं | भारत देश में इसे अपने घर में लगाना शुभ माना जाता है | तुलसी स्वास्थ की नजर से बहुत लाभकारी है| कहते है घर के आँगन में तुलसी होने से रोग  घर में प्रवेश नहीं कर पाते है|

  1. तुलसी की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से मुहांसे दाग धब्बे सब दूर हो जाते हैं ।
  2. तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है ।
  3. इसे खाने से मुंह की दुर्गंध गायब हो जाती है ।
  4. तुलसी का तेल बहुत से दर्द में उपयोग में किया जाता है ।
  5. तुलसी से बहुत से पेय पदार्थ बनाए जाते हैं ।
  6. तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार को कम किया जाता है ।
  7. शरीर में इंसुलिन को बनाए रखने वाले तत्व को तुलसी बाहर निकालती है ।
  8. जिससे ब्लड शुगर को कम करती है।
  9. तुलसी के पत्तों के सेवन करने से तनाव को दूर रखा जा सकता है।
  10. किडनी में अगर पथरी हो तो तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए।
  11. कैंसर जैसी बीमारी में भी तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है।
  12. स्मोकिंग छुड़ाने में तुलसी की पत्तियां मददगार साबित हुई है। इन्हें चबाने से सिगरेट पीने की इच्छा गायब हो जाती है।
  13. दस्त होने पर तुलसी की कुछ पत्तियां को पीसकर उसमें शहद व जीरा मिलाकर पीने से दस्त में आराम मिलता है।

पान की पत्तिया

पान का पत्ता एक दिल का आकार का पत्ता है जिसमें बेमिसाल औषधीय गुण होते हैं।लेकिन यदि आप केवल पान की पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं तो यह काफी लाभकारी हो सकती है। पान के पत्ते के औषधीय उपयोग बेहद कम आंके जाते हैं, लेकिन यह बहुत ही प्रभावशाली होता है।पान के पत्ते क्या है? बेटल लीफ (Betel Leaf) को हिंदी में ‘पान का पत्ता’ । पान के पत्ते पर तंबाकू, सुपारी, चूना आदि लगा कर खाने से कई प्रकार स्वास्थ्य संबंधी बीमारी हो सकती है। माल किया जाता ही है साथ में इसके बहुत सारे स्वस्थ्य संबंधी लाभ भी हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन सी और बहुत सारे और लाभदायक पदार्थ भी हैं।

  1. पान के 20 पत्तों को  पानी में उबालें, फिर उस पानी से नहा ले तो खुजली की समस्या खत्म हो जाएगी।
  2. मुंह में छाले होने पर पान के पत्ते चबाएं बाद में पानी से कुल्ला कर ले।
  3. दो कप पानी में 4 पान के पत्ते डालकर उबाल कर उसके गरारे करने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाएगा।
  4. अगर मुंह से बदबू आ रही है तो पान के पत्ते चबाने से या उनको पानी में उबालकर गरारे करने से इसे मुंह की बदबू की समस्या दूर हो जाएगी ।
  5. पान के पत्ते अच्छी तरह से पीस लें। इसे दो गिलास पानी में गाढ़ा होने तक उबालें बाद में इसे फेसपैक की तरह लगाए तो मुहांसों की समस्या दूर हो जाएगी।
  6. अगर आपके दांतों में दर्द  हैं तो  पान के पत्तों को चबाइये आप  दर्द में काफी राहत  महसूस करेगें है
  7. पान के पत्ते भूख बढ़ाने में काफी मददगार सिद्ध होते हैं साथ ही स्वास्थ्य को भी बनाए रखते हैं

मेथी की पत्तियां

मेथी एक बहुत ही प्रसिद्ध जड़ी- बूटी है जो आमतौर पर भारतीय रसोईघरों में पाई जाती है| इसके पत्तों का अक्षर साग बनाया जाता है इस के हरे पत्तों को कूटकर चटनी बनाकर भी खाया  जाता है | इसके हरे पत्ते खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है| इसके सूखे पत्ते भी सब्जी आदि में प्रयोग किए जाते हैं यह एक बहुत ही सस्ता और उपयोगी घरेलू नुक्सा है|

  1. गैस की समस्या होने पर मेथी के पत्ते चबाने चाहिए।
  2. किसी भी प्रकार की एलर्जी हो या सांस लेने में परेशानी हो सभी प्रकार के रोगों में मेथी के पत्तों का सेवन करना चाहिए।
  3. मेथी के पत्ते बढ़ते कोलस्ट्रोल को बैलेंस करता है।
  4. रात भर मेथी के पत्तों को भिगोकर रख दें और सुबह इनका पानी निकाल कर इन्हें खाएं।डायबिटीज के मरीजों के लिए मेथी के पत्ते बहुत ही फायदेमंद है।
  5. मेथी के पत्तों में पोटेशियम की अच्छी खासी मात्रा मौजूद होती है जो हार्ट रेटऔर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है। जिससे हाई और लो बीपी की शिकायत नहीं होती।
  6. मोटापा कम करने में मेथी के पत्ते बहुत ही फायदेमंद है|

पपीता की पत्तिया

पपीता खाने के ढेरों फायदे हम सभी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी इसके पत्तों का जूस पीया है।. यह पीने में थोड़ा कड़वा जरूर लगता है लेकिन इसके फायदे किसी चमत्कार से कम नहीं क्योंकि पपीता खाने के साथ ही इसके पत्तों का जूस पीने से कई तरह की बड़ी बीमारियों को मात दी जा सकती है।. पपीता एक स्वादिष्ट फल है और इसमें कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए और सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पपीता स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है|

  1. पपीते के पत्तों का रस पीने से ब्लड प्लेटलेट काउंट और आरबी सी बढ़ता है।
  2. पपीते के पत्तों का रस पीने से आपके ब्लड सरकुलेशन में भी अच्छा सुधार होता है।
  3. डेंगू होने पर पपीता के पत्तों का रस पीना चाहिए।
  4. पपीते के पत्तों के अंदर एंटी ट्यूमर गुण होते हैं जो रोगी के ट्यूमर को बढ़ने से रोकते हैं।
  5. पपीते के पत्तों का रस पीने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
  6. इसके रस का प्रयोग करने से पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
  7. पपीते के पत्तों का सेवन करने से किडनी और लीवर आदि को स्वस्थ रखा जाता है।
  8. पपीते के पत्तों के अंदर एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं जो कैंसर को रोकने में सहायक होते है।   

कदंब की पत्तियाँ

कदम्ब के पेड़ के पत्ते महुए के पत्तों के समान और फल नींबू की भांति गोल होते है।फूल छोटे और खुशबुदार होते हैं। वर्षा ऋतु में जब यह फूलता है, तब पूरा वृक्ष अपने हल्के पीले रंग के छोटे-छोटे फूलों से भर जाता है। उस समय इसके फूलों की मादक सुगंध से महकने लगते हैं। कदम्ब एक प्रसिद्ध फूलदार वृक्ष है। कदम्ब का पेड़ काफ़ी बड़ा होता है। कदम्ब के पेड़ ग्रामीण क्षेत्रों में ज़्यादा होते हैं। इसके पत्ते बड़े और मोटे होते हैं जिनसे गोंद भी निकलता है।इस वृक्ष का जितना धार्मिक महत्व है उससे कई ज्यादा इसके लाभ आपकी सेहत से भी जुड़े हुए है। यहाँ तक की यह जहररोधक औषधि के नाम से भी जाना जाता है। इसके वृक्ष और फूल व पत्तियाँ बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

  1. लगातार बुखार रहने पर कदंब की 50 ग्राम छाल और तुलसी के 7-8 पत्तों को बारीक पीसकर एक गिलास पानी में हल्की आंच में आधे से भी कम होने तक उबालें। ठंडा होने पर दो दो चम्मच तीनों वक्त लेने से हर तरह के बुखार में आराम मिलता है।
  2. कदंब चोट का दर्द ठीक करने में सहायक है। कदंब की पत्तियों  छाल को बारीक मात्रा में पीसकर उबालें। हल्का गुनगुना होने पर सेकन करने से घाव,चोट, दर्द में आराम मिलता है ।
  3. पेट में गैस कब्ज होने पर कदंब के फल का रस सेंधा नमक के साथ मिलाकर दो दो चम्मच सुबह शाम लेने से पाचन तंत्र तंदुरुस्त रहता है।
  4. शरीर में होने वाली हर तरह की खाज खुजली दूर करने में कदंब सहायक है।

बेर की पत्तिया

बेर के पत्तों को रात भर पानी में भिगो दें ।सुबह -सुबह खाली पेट भीगे हुए पत्तों को छानकर इसके पानी को पी लें। इस नुस्खे को 1 महीने तक करें इससे निश्चित ही आपके बढ़ते वजन में कमी आ जाएगी । बेर के पत्तों का लेप करने से बुखार और जलन शांत हो जाती है। इसकी छाल का लेप करने से चेचक के दाने भी खत्म हो जाते है। यदि किसी व्यक्ति को बालतोड़ के कारण छोटी- छोटी फुंसी हो गई हो तो बेल के पत्ते उसके लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं।

बरगद की पत्तिया

बरगद की ताजी पत्तियों पर तिल का तेल लगाएं ।पतियों को गर्म करें और इसे  दर्द वाली जगह पर लगाएं तो दर्द में आराम मिलता है। गठिया के दर्द से राहत के लिए आप बरगद के दूध से भी मालिश कर सकते हैं। नकसीर को रोकने के लिए  दूर्वा घास, बरगद के पत्तों और शहद को एक साथ मिलाकर सेवन करें नकसीर बंद हो जाती है। बरगद की नरम पत्तियों और नारियल के गुदे का पेस्ट तैयार करें और से झाइयों पर लगाएं। इसी प्रकार, बरगद और मसूर की दाल के पेस्ट से फ्लेक्स हट जाती है और यह पेस्ट त्वचा को चमक देता है।

गूलर की पत्तियां

मुंह के छाले होने पर गूलर के पत्तों को चूसें, इसे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। आंखे लाल होना ,आंखों में पानी आना, जलन होने पर गूलर बहुत ही उपयोगी है। गूलर के पत्तों का काढ़ा बनाकर इसे साफ और महीन कपड़े से छान लें। ठंडा होने पर इसकी दो- दो बूंदे दिन में तीन बार आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है । मसूढ़ों से खून आने पर गुलर की पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही आपके मसूढ़े और दांत स्वस्थ रहते हैं।

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